अपनी आँखों में बसाकर कोई इक़रार करूँ – ठोकर – मोहम्मद रफ़ी
अकेली मत जइयो, नैनों में कजरा डाल के – लता
अच्छा, तो हम चलते हैं
अजहूँ न आये बालमा … रफ़ी, सुमन कल्यानपुर – हसरत जयपुरी – साँझ और सवेरा
अरी ओ शोख़ कलियों मुस्कुरा देना, वो जब आयें – जब याद किसी की आती है
आजा सनम मधुर चाँदनी में हम – चोरी चोरी
आयो कहाँ से घनश्याम, हाये राम – अर्चना
ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी – लता मंगेशकर
ऐ री मैं तो प्रेम दिवानी – लता मंगेशकर – २
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन – श्री अनूप जलोटा
ए मोहब्बत तेरे अंजाम पै रोना आया – बेग़म अख़्तर
पान खायें सैयां हमारो – आशा – तीसरी क़सम